चाय के किस्से – हमेशा विकसित होने वाली भारत की चाय-संस्कृति

विलेज स्क्वेयर: चाय इतनी लोकप्रिय कैसे हुई? अरूप के चटर्जी: मैं एक व्यक्तिगत प्रसंग से शुरू करता हूँ। लगभग ढाई साल पहले, अपनी पिछली पुस्तक – ‘इंडियंस इन लंदन: फ्रॉम द बर्थ ऑफ़ द ईस्ट इंडिया कंपनी टू इंडिपेंडेंट इंडिया’ की प्रस्तावना समाप्त करने के बाद –– जहाँ चाय एक नायक की भूमिका निभाती है… Continue reading चाय के किस्से – हमेशा विकसित होने वाली भारत की चाय-संस्कृति

सौर आधारित कीट-जाल, रसायन मुक्त खेती की ओर एक कदम

एचडीएफसी बैंक के सहयोग से BAIF द्वारा कार्यान्वित, “समग्र ग्रामीण विकास परियोजना” (HRDP) के अंतर्गत सौर आधारित कीट-जाल की मदद से उन्हें रासायनिक कीटनाशकों का एक अच्छा विकल्प प्राप्त हुआ। अब उनका खर्च बहुत कम हो गया है और उनकी भूमि और ख़राब नहीं हो रही। समग्र ग्रामीण विकास परियोजना वर्ष 2021-22 में शुरू हुई… Continue reading सौर आधारित कीट-जाल, रसायन मुक्त खेती की ओर एक कदम

अपने गांव को बदलना चाहते हैं? – महिलाओं को बुलाओ!

प्रशिक्षण और प्रस्तुतियों के बाद, इन महिला किसानों ने खेती में वैज्ञानिक और एकीकृत जैविक पद्धतियों को अपनाया है और एकल-फसल पर निर्भरता कम की है। ‘प्रेरणा पहल’ की छत्रछाया में एकजुट, इसने महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। उनकी कड़ी मेहनत, विलक्षण कौशल और दृढ़-संकल्प, गांव का नक्शा बदलने… Continue reading अपने गांव को बदलना चाहते हैं? – महिलाओं को बुलाओ!

दुधारू पशुओं में लिंग-चयनित गर्भाधान से मिला डेयरी को बढ़ावा

पारम्परिक गर्भाधान पद्धति में 50% नर बछड़ों का जन्म, डेयरी किसानों के लिए डेयरी की व्यवहार्यता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है। मशीन और उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण, बैलों की उपयोगिता और महत्व समय के साथ कम हो रहा है। इसलिए, नर बछड़े का जन्म, न सिर्फ कम उत्पादक नर… Continue reading दुधारू पशुओं में लिंग-चयनित गर्भाधान से मिला डेयरी को बढ़ावा