कलिम्पोंग के किसानों के लिए बेस्वाद हुई काली इलायची

काली इलायची को सुनहरी फसल मानने वाले किसान, अब पौधों की बीमारियों से होने वाले नुकसान और आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने की अपनी अनिच्छा के कारण, दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिले में, पवन लेप्चा एक दशक से ज्यादा समय से काली इलायची की खेती कर… Continue reading कलिम्पोंग के किसानों के लिए बेस्वाद हुई काली इलायची

“मैंने 1,400 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है”

मेरा जन्म कलिम्पोंग जिले के नदी किनारे बसे, ‘मांगचू जंगल’ में हुआ था।  हर सुबह नदी के तेज शोर को सुनते हुए उठना रोमांचक था। (हँसते हुए) उस समय, मेरे जैसे बच्चे को नदी एक गुस्सैल औरत जैसी लगती थी।  मुझे याद नहीं कि मैंने तीस्ता नदी में तैरना कब सीखा। मुझे लगता है कि… Continue reading “मैंने 1,400 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है”

“बीज ग्राम” योजना से खेती बनी आर्थिक रूप से लाभकारी

भारत में लगभग 70% लोग खेती से अपनी आजीविका चलाते हैं। फिर भी, किसान को अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए, निरंतर रूप से संघर्ष करना पड़ता है। कई कारणों से खेती अक्सर घाटे का व्यवसाय बन जाती है। “बीज ग्राम” योजना का उद्देश्य ऐसे उन्नत बीज किसानों को उपलब्ध कराना है, जो गांव की… Continue reading “बीज ग्राम” योजना से खेती बनी आर्थिक रूप से लाभकारी

हेल्प डेस्क और परामर्श से जेंडर-आधारित हिंसा कम होती है

यह 2020 का साल था, जब दुनिया COVID-19 महामारी के प्रकोप से जूझ रही थी। भारत के विभिन्न हिस्सों से मिली रिपोर्ट और जानकारी से पता चला कि महिलाएं, घरेलू हिंसा के रूप में एक छाया-महामारी का सामना कर रही हैं। जानकारी कोई संख्या भर नहीं थी। ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक सुदूर गांव… Continue reading हेल्प डेस्क और परामर्श से जेंडर-आधारित हिंसा कम होती है