ओडिशा के ग्रामीण आग चींटी के आक्रमण से लड़ते हैं

स्नेहलता दास को हमेशा अपने गांव ब्राह्मणसाही के शांत और शांतिपूर्ण वातावरण से प्यार रहा है। 75 वर्षीय विधवा ने चार दशक पहले शादी के बाद से शायद ही अपने गांव से बाहर कदम रखा था। लेकिन अगस्त के मध्य में उन्हें अपनी ब्राह्मणसाही छोड़कर भागकर अपनी विवाहित पुत्री के घर जाना पड़ा। सब कुछ… Continue reading ओडिशा के ग्रामीण आग चींटी के आक्रमण से लड़ते हैं

“टिंकर लैब” ने ग्रामीण बच्चों में जगाई तकनीकी रचनात्मकता

2020 में जब दुनिया COVID-19 महामारी से ग्रस्त थी, ओडिशा का एक युवा इंजीनियर “कॉस्मिक रोवर्स” ठीक करने में लगा था, इस बात की परवाह किए बिना कि उसके ज्यादातर पड़ोसी कभी 45 किमी दूर, राजधानी भुवनेश्वर से आगे नहीं गए थे। लेकिन अनिल प्रधान एक ऐसी टीम बनाना चाहते थे, जो एक विश्व-प्रसिद्ध प्रतियोगिता,… Continue reading “टिंकर लैब” ने ग्रामीण बच्चों में जगाई तकनीकी रचनात्मकता

कश्मीर में जीवित है – जोंक उपचार

पारम्परिक कश्मीरी पोशाक, ‘फेरन’ पहने, मुजफ्फर हाजम और उनका किशोर बेटा सुबह-सुबह मिट्टी का बर्तन, रुमाल और सूती पोंछा लेकर घर से निकल गए। श्रीनगर के एक बाज़ार में, जैसे ही उन्होंने बर्तन खोला, दर्जनों लोग उन्हें घेर कर अंदर छटपटाती हुई दर्जनों जोंकों को विस्मयकारी नज़र से देखने लगे। क्योंकि उनका मानना ​​है कि… Continue reading कश्मीर में जीवित है – जोंक उपचार

हाथी और मधुमक्खी: क्या मेघालय और त्रिपुरा के लिए कुछ सबक हैं?

अर्थशास्त्र में मधुमक्खी पालन और बाह्यता अर्थशास्त्र में “बाह्यता” की अवधारणा की व्याख्या करने के लिए, एक खास उदाहरण है – एक सेब का बाग और बगल में एक मधुमक्खी पालक। मधुमक्खी पालक के छत्तों से निकल कर मधुमक्खियां सेब के पेड़ों को सेचित करती हैं, जिससे सेब की अच्छी पैदावार होती है और सेब… Continue reading हाथी और मधुमक्खी: क्या मेघालय और त्रिपुरा के लिए कुछ सबक हैं?