गाय के मूत्राशय से

आंध्र प्रदेश की 38-वर्षीय के. उषा रानी रेड्डी कॉलेज में पढ़ने वाले दो होनहार युवा छात्रों की मां हैं। जब वह मुश्किल से 17 साल की थी, तब उसके माता-पिता ने उसकी शादी कर दी थी। लेकिन दो साल बाद, अपने दो बच्चों के जन्म के तुरंत बाद, उनके पति का एक दुर्घटना में निधन… Continue reading गाय के मूत्राशय से

ग्रामीण रंगमंच ने टीके के लिए हिचकिचाहट की दूर

कोटरा के पहाड़ी इलाकों में स्थित गांव मांडवा में, यह सितंबर की एक चमकदार दोपहर है। रंग-बिरंगे परिधानों में आस-पास के गांव से, लोक रंगमंच कलाकारों की टोली आती है। लाउडस्पीकर लगा एक वाहन गांव में लोकप्रिय लोक गीत बजाता घूम रहा है, जिसमें बैठा एक व्यक्ति अपने गाँव में हो रहे एक “अद्भुत कार्यक्रम”… Continue reading ग्रामीण रंगमंच ने टीके के लिए हिचकिचाहट की दूर

क्या डिजिटल योजना भारत के गांवों के लिए कारगर है?

मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले बड़वानी के एक गाँव, नंदगाँव में समुदाय का उत्साह स्पष्ट है, क्योंकि लोग अपने गांव की वार्षिक योजना के बारे में उत्सुकता से बात करते हैं। ग्राम पंचायत योजना (GPP), जिसे वे गर्व से दीवार पर चिपकाते हैं। यह योजना विभिन्न हितधारकों, यानि सरकारी विभागों, ग्राम पंचायत और समुदाय द्वारा… Continue reading क्या डिजिटल योजना भारत के गांवों के लिए कारगर है?

उत्तरी नदी के लुप्तप्राय छोटे कछुओं की निगरानी

तकनीक की बदौलत, शैलेंद्र सिंह अपने कछुओं पर लगातार नजर रखते हैं। साधारण कछुए नहीं, बल्कि उत्तरी नदी के छोटे कछुए, जिनके बारे में संरक्षणवादियों को डर था कि वे अपने प्राकृतिक आवास में विलुप्त हो गए थे। सिंह एक गैर लाभकारी संगठन, ‘टर्टल सर्वाइवल एलायंस (TSA) -इंडिया’ के प्रोग्राम डायरेक्टर हैं, जो छोटे कछुओं… Continue reading उत्तरी नदी के लुप्तप्राय छोटे कछुओं की निगरानी