‘शानदार अंजीर’: पुणे के पश्चिमी घाट के अंजीर की मांग अधिक क्यों?

सुबह छह बजे, पुरस्कार विजेता किसान सामिल इंगले जल्दी-जल्दी अपनी मेहनत के ताजे चुने हुए फलों को पुणे की ‘पुरंदर हाईलैंड्स फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी (PHFPC) के संग्रह केंद्र में ले जाते हैं। सिंघापुर गाँव के विशाल बगीचे में उगाए, उनके अंजीर के टोकरे के अस्तित्व के लिए गति महत्वपूर्ण है। यह समझना मुश्किल नहीं है… Continue reading ‘शानदार अंजीर’: पुणे के पश्चिमी घाट के अंजीर की मांग अधिक क्यों?

रोशनी की नगरी में मनाई गई देव दीपावली

बनारस के आकर्षणों में से एक गंगा के गहरे पानी में नौका की सवारी करना और ‘अन्जौरा-ए-बनारस’ देखना है (जो सुबह के समय गंगा के ऊपर दिखने वाले जादू का प्रतीक है, जहां किन्हीं दो सुबह रंग और अनुभव समान नहीं होता) (छायाकार – स्वाति सिंह चौहान)   ‘कार्तिक पूर्णिमा’ मनाने के लिए बनारस तीर्थयात्रियों और… Continue reading रोशनी की नगरी में मनाई गई देव दीपावली

ओडिशा की ‘पारम्परिक बीज संरक्षक’ महिला

मैं एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित गांव बुरलुबरू में रहती हूँ। ये पहाड़ियाँ कभी साल के घने वनों से समृद्ध थीं। हमने साल के विशाल वृक्षों को लकड़ी माफिया के हाथों खो दिया। और हम शायद ही उन जंगली जानवरों को देख पाते हैं, जो पहले बहुतायत में थे। इस गांव के सभी लोग… Continue reading ओडिशा की ‘पारम्परिक बीज संरक्षक’ महिला

अयोध्या की महिलाओं के लिए, सूक्ष्म-उद्यमी होना सिर्फ पैसे के बारे में नहीं

एक अकेली सशक्त महिला अपनी किस्मत बदल सकती है, लेकिन महिलाओं का एक समूह एक समुदाय को बदल सकता है। जैसा कि मैंने देखा है, उन्हें बस एक सहायता की ज़रूरत होती है। देश के कई अन्य हिस्सों की तरह, ग्रामीण उत्तर प्रदेश की महिलाओं की सामाजिक निर्णय प्रक्रिया में कोई सुनवाई नहीं है। भारत… Continue reading अयोध्या की महिलाओं के लिए, सूक्ष्म-उद्यमी होना सिर्फ पैसे के बारे में नहीं