स्वास्थ्य
भारत की खान-पान की आदतों पर आश्चर्यजनक निष्कर्ष
‘डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट’ (डीआईयू) का एक नया अध्ययन, ग्रामीण भारत की खान-पान की आदतों पर प्रकाश डालता है और कई मिथकों को नकारता है, जैसे अमीर लोग गरीबों की तुलना में ज्यादा विविध आहार खाते हैं।
‘असम में चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़’
असम में आई बाढ़ ने मानव जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। विलेज स्क्वेयर ने ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के ज्योतिष्मय डेका और राजदीप सरकार से बातचीत की, जो बोडोलैंड ट्राइबल रीजन (BTR) में बाढ़ राहत कार्य से जुड़े हैं।
‘8 अरब लोग, 8 अरब अवसर’
वर्ष 2022 में दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। दुनिया के लिए और विशेष रूप से भारत के लिए इसके क्या मायने हैं? 11 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस पर, भारत में न्यायसंगत विकास और परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए, विलेज स्क्वेयर ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), राजस्थान कार्यालय के राज्य प्रमुख, दीपेश गुप्ता से बात की।
ग्रामीण भारत के प्लास्टिक कचरे की एक झलक
भारत सरकार का 'एकल-उपयोग प्लास्टिक' के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध 1 जुलाई, 2022 से लागू हो गया है। अधिसूचना के अनुसार उल्लंघन करने वालों को पांच साल तक की जेल, या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। जब यह प्रतिबंध लगा है, तो हमने अपने बढ़ते फोटो-समुदाय को यह दिखाने के लिए कहा, कि प्लास्टिक कचरा ग्रामीण भारत को कैसे प्रभावित करता है। तस्वीरें ग्रामीण पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे के प्रसार और मनुष्यों से जानवरों तक, हर किसी को बराबर प्रभावित करने वाले जहरीले तरीकों को दिखाती हैं।