एक अनौपचारिक शिक्षिका, जिसने समाज में अपनी पहचान बनाने और गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षा का बेहतर विकल्प देने की कोशिश की| उनकी इस कोशिश में बाधाएं तो बहुत सारी आई पर इनके मजबूत इरादों के सामने टिक ना पाई। अपनी प्रतिबद्धता के साथ आज शीला देवी अपने गांव के कई बच्चों को पढ़ा रही हैं।