एक ऐसी महिला, जिसने बेहद विपरीत परिस्थितियों में होने के बावजूद, एक स्वैच्छिक संस्था से मिले तिनके के सहारे, उफनती गंगा को पार कर लिया और दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रशस्त किया सशक्तिकरण एवं समानता का मार्ग