विशेष लेख
असम की महिलाएं फली-फूली, मूल्य-वर्द्धित उद्यान-उत्पादों से
अपने आंगन में उगाए ताजे फल और सब्जियों से बने, मूल्य-वर्द्धित उत्पादों की आपूर्ति करके, असम के नागांव जिले के गांवों की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हुई
लॉकडाउन सम्बन्धी आर्थिक राहत प्राप्त करने में, ‘बैंक सखियों’ ने की ग्रामीणों की मदद
जिन गाँवों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है, वहां बैंक के प्रतिनिधियों के रूप में, बैंकिंग अभिकर्ता संबंधित कार्य करते हैं। लाभार्थियों तक लॉकडाउन कल्याण सहायता पहुँचाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है
खाद्य वन से किसानों को मिलता है बेहतर मुनाफा
वनों से सबक लेते हुए, भारत भर में प्रगतिशील किसान अपने खेतों को बहु-मंजिल फसल प्रणाली में बदल रहे हैं, जो जलवायु के लिए ज्यादा अनुकूल है और अधिक पैदावार देता है
समुदाय की चुनौतियों से निपटने के लिए, समूहों ने किया महिलाओं का सशक्तिकरण
स्व-सहायता समूहों के गठन में विरोध से लेकर, पीने के पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने तक, गाँव की महिलाएँ सामूहिकता के सकारात्मक प्रभावों को दर्शाती हैं