पारम्परिक बाउल गायन में लगे, बंगाल के लोक गायकों पर लॉकडाउन का बहुत प्रभाव पड़ा। उनकी जीविका में और कला को जीवित रखने में उन्हें टिकट-आधारित जीवंत प्रस्तुति से मदद मिली है