तटीय किसान, दमदार घास ‘खसखस’ से दौलत कमा रहे हैं

तटीय क्षेत्रों में चंद्रशेखर जैसे किसान, मजबूत और बारहमासी खसखस घास की खेती करते हैं, जो कठिन मौसम को झेलने में सक्षम है और उससे अच्छी आमदनी होती है (छायाकार- बालासुब्रमण्यम एन.)

भारत के पूर्वी तट के किसान, जो हमेशा चक्रवात और बाढ़ के साए में रहते हैं, ने खसखस की खेती से व्यावसायिक सफलता हासिल की है| खसखस, जिसे खस भी कहा जाता है, एक बारहमासी घास है, जिसके कई उपयोग हैं|

बाँस द्वारा वायनाड के ग्रामीणों की गरीबी का निवारण

बाँस-आधारित आजीविकाओं से होने वाली निरंतर आय के द्वारा ग्रामीण, विशेष रूप से महिलाएँ, गरीबी से मुक्त हुए (छायाकार - चित्रा अजीत)

केरल में वायनाड के ग़रीबी से त्रस्त गांवों को, बाँस के हस्तशिल्प और उपयोग की वस्तुओं के रूप में हरा सोना प्राप्त हुआ है, जिसने गरीबी समाप्त करने में मदद की है और उन्हें नियमित आय का स्रोत प्रदान किया है।

हिमाचल के जैविक खेती करने वाले किसान बाज़ार-परक हुए

‘बाग’ गांव में जैविक खेती करने वाले किसान, समूह में होने के कारण अपनी उपज सीधे ग्राहकों को बेचते हैं और अधिक आय कमाते हैं (छायाकार - दीपान्विता गीता नियोगी)

हिमाचल के मंडी जिले में, जैविक खेती करने वाले छोटे किसानों को, सामूहिक भागीदारी के माध्यम से, अपनी उपज को सीधे दिल्ली के उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्यों पर बेचने में मदद मिली, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हुई।