सूखाग्रस्त मराठवाड़ा से कुछ बेहतरीन उदाहरणों से सीख कर, सरकारी कार्यक्रमों के अंतर्गत, पानी की पर्याप्तता के लिए, महंगे ढांचों के निर्माण की बजाय, तालाब खोदने और नदी-नालों को गहरा करने में समझदारी है।