आदिवासी जीवन का एक अभिन्न अंग, पवित्र ग्रोव कम हो रहे हैं। ग्रामीण अपनी संस्कृति के संरक्षण को सुनिश्चित करने और कुपोषण से निपटने के लिए ग्रोव पेड़ों का पुनरुद्धार कर रहे हैं
हरित आवरण एवं आजीविका के अवसरों में सुधार करते हुए, निजी-वन मालिक बंजर भूमि का पुनरुद्धार करते रहे हैं। इस पहल से जैव-विविधता संरक्षण और वन्यजीव गलियारे के रखरखाव में भी मदद मिली है
मोबाइल फोन पर विशेष रूप से तैयार वीडियो सामग्री प्राप्त करते हुए, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और माता-पिता के समन्वित प्रयास से दूरदराज के गांवों में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को उनके पाठ से जुड़े रहने में मदद मिलती है
मचान पर बेल-दार पौधे और उसके नीचे छाया में उगने वाले पौधे उगाकर, छोटे किसान उपलब्ध भूभाग का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हैं। अलग अलग समय अवधि में तैयार होने वाली फसलों के मिश्रण से जोखिम कम होता है और कृषि आय में वृद्धि होती है