यह विलेज स्क्वायर की 2016 में शुरुआत से, 2021 में पुनः लॉन्च होने तक की जेंडर-संबंधित अंतर्दृष्टिपूर्ण कहानियों का एक संग्रह है। जेंडर से सम्बंधित हाल की कहानियों के लिए “उसका जीवन” अनुभाग देखें।
जेंडर
महिलाओं को शिक्षा पूरी करने का मिला दूसरा मौका
स्कूल पहुंच से बाहर होने और जल्दी शादी के कारण, जिन लड़कियों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी, उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए एक कार्यक्रम में दाखिला लिया
असम की महिलाएं फली-फूली, मूल्य-वर्द्धित उद्यान-उत्पादों से
अपने आंगन में उगाए ताजे फल और सब्जियों से बने, मूल्य-वर्द्धित उत्पादों की आपूर्ति करके, असम के नागांव जिले के गांवों की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हुई
लॉकडाउन सम्बन्धी आर्थिक राहत प्राप्त करने में, ‘बैंक सखियों’ ने की ग्रामीणों की मदद
जिन गाँवों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है, वहां बैंक के प्रतिनिधियों के रूप में, बैंकिंग अभिकर्ता संबंधित कार्य करते हैं। लाभार्थियों तक लॉकडाउन कल्याण सहायता पहुँचाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है
खाद्य वन से किसानों को मिलता है बेहतर मुनाफा
वनों से सबक लेते हुए, भारत भर में प्रगतिशील किसान अपने खेतों को बहु-मंजिल फसल प्रणाली में बदल रहे हैं, जो जलवायु के लिए ज्यादा अनुकूल है और अधिक पैदावार देता है
समुदाय की चुनौतियों से निपटने के लिए, समूहों ने किया महिलाओं का सशक्तिकरण
स्व-सहायता समूहों के गठन में विरोध से लेकर, पीने के पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने तक, गाँव की महिलाएँ सामूहिकता के सकारात्मक प्रभावों को दर्शाती हैं
स्ट्रॉबेरी की खेती में किसानों को मिली मधुर सफलता
अपनी सब्जियों की बिक्री में आने वाली समस्याओं के कारण, खेती के लिए जलवायु अनुकूल होने के बावजूद भागलपुर के किसानों को बहुत कम पैसा बचता था। स्ट्रॉबेरी की खेती अपनाने और उसकी बिक्री सीधे उपभोक्ता को करने से उनकी किस्मत बदल गई
फसलों की विविधता से हुआ सोलापुर के किसानों के जीवन में कायापलट
महाराष्ट्र में सोलापुर के सीमांत (बहुत छोटे) किसानों को बार-बार पड़ने वाले सूखे के चलते दिहाड़ी मजदूरों के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब तक कि अपने आर्थिक कायापलट के लिए उन्होंने नकदी फसलों की बजाय बागवानी और बाजरा उत्पादन करना शुरू नहीं किया
सिंचाई के सम्बन्ध में वर्षा-जल संग्रहण भविष्य का सबसे अच्छा विकल्प है
भारत में जैसे जैसे गहन खेती का विस्तार हो रहा है, उसके लिए बहु-फसलीय खेती में भूजल के अव्यवहारिक लगातार मौजूदा उपयोग की बजाय, वर्षा-जल संग्रहण को तत्काल रूप से बढ़ावा देने की जरूरत है।
रोग प्रतिरक्षा-वर्द्धकों (इम्युनिटी बूस्टर्स) से किसानों ने कमाया लाभ
जब कोरोनावायरस संक्रमण की समाप्ति के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे, प्राकृतिक प्रतिरक्षा-वर्द्धकों की बढ़ती मांग का लाभ, तमिलनाडु के सहजन उगाने वाले किसान मूल्य-संवर्धन करके लाभ कमा रहे हैं।