यह विलेज स्क्वायर की 2016 में शुरुआत से, 2021 में पुनः लॉन्च होने तक की जेंडर-संबंधित अंतर्दृष्टिपूर्ण कहानियों का एक संग्रह है। जेंडर से सम्बंधित हाल की कहानियों के लिए “उसका जीवन” अनुभाग देखें।
जेंडर
कढ़ाई ने कैंसर को मन से दूर किया
एक स्कूल ड्रॉपआउट होने के बावजूद, कांथा कढ़ाई के अपने कौशल का इस्तेमाल करके राबिया खातून ने अपने परिवार के गुजारे में मदद की। अब उनकी कढ़ाई इकाई में न सिर्फ लगभग 100 कांथा कारीगर काम करते हैं, बल्कि कैंसर से लड़ने में उनका ध्यान भी हट जाता है।
सरकारी हस्तक्षेपों को आदिवासी परिवार कैसे देखते हैं?
इस आम राय के विपरीत, कि जनजातियाँ उपेक्षित हैं, वे न केवल अपने कल्याण की विभिन्न सरकारी योजनाओं से अवगत हैं, बल्कि उनके कार्यान्वयन के बारे में खुश हैं।
गर्मियों में कच्ची बस्तियों के घरों में टिकाऊ छतों द्वारा ठंडक
उन अनौपचारिक (कच्ची) बस्तियों में, जहां पर्यावरण संबंधी मुद्दों का ध्यान रखे बिना घर बनाए जाते हैं, और लोगों का कठोर गर्मी पर नियंत्रण का कोई तरीका नहीं होता, वहां गर्मी से राहत के लिए समाधान प्रदान करने के प्रयास हो रहे हैं।
पिंजरे में मछली-पालन से उसी बांध से मिली ज्यादा मछलियाँ
एक ही बांध में मछली पकड़ने के लिए बढ़ती संख्या में मछुआरों की होड़ के साथ, उनकी आजीविका दांव पर थी। बांध के अंदर पिंजरों में मछलियां पालने से मछुआरों को बेहतर कमाई में मदद मिलती है।
हमारा जल, हमारा प्रबंधन
जल जीवन मिशन (जेजेएम) के माध्यम से पाइप द्वारा जल आपूर्ति योजना को लागू करने में स्थानीय समुदाय को शामिल करना महत्वपूर्ण है, जैसा कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की सीख से साबित होता है।
संयोग से बनी डेयरी किसान
दूध के महंगे दामों से बचने के लिए, नमिता पतजोशी ने एक गाय खरीदी। अतिरिक्त दूध पड़ोसियों को बेचने से शुरू हो कर, उनकी पशुशाला एक बड़े डेयरी फार्म में विकसित हो गई है। अपने तीन बच्चों की पढ़ाई के बाद, अब वह अपने कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करना चाहती हैं।
असम में बाढ़ ने नए क्षेत्रों में फैल कर किया भारी नुकसान
जहां भारी बारिश और नदी के रास्तों पर अवरोध असम में बाढ़ का कारण बना है, वहीं बाढ़ के पानी के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने से पहले की तुलना में अधिक नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र के इस गाँव के अंगूर के बागों के लिए एक हजार तालाब
जब अधिक जल-खपत वाली फ़सलों की जगह अंगूर उगाने से सूखा-संभावित मनेराजुरी के किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो खेत में तालाब खोदकर और वर्षा जल-संचयन करके उन्हें एक स्थायी जल स्रोत प्राप्त हुआ।
‘असम में चार दशकों की सबसे भयानक बाढ़’
असम में आई बाढ़ ने मानव जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। विलेज स्क्वेयर ने ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के ज्योतिष्मय डेका और राजदीप सरकार से बातचीत की, जो बोडोलैंड ट्राइबल रीजन (BTR) में बाढ़ राहत कार्य से जुड़े हैं।